मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीज़ों को समर्पित मानव मंदिर, सोलन | Indian Association Of Muscular Dystrophy(IAMD-Solan)
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीज़ों को समर्पित मानव मंदिर सोलन - डॉ.राजेश के चौहान मिली थी ज़िन्दगी किसी के काम आने के लिए, पर वक़्त काग़ज के टुकड़े कमाने में बीत रहा है... मानवीय मूल्यों से दूर आज के मानव पर यह पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं। इंसानियत से कोसों दूर हमारे सभ्य समाज के बहुतायत लोग जहां धनोपार्जन की अंधी दौड़ में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वास्तव में मानवता को परिभाषित करते हैं। दया, परोपकार, इंसानियत, मानवता इत्यादि शब्द ऐसे ही लोगों के कारण व्यवहार में हैं ऐसा प्रतीत होता है। ऐसे ही मानवतावादी धर्मपरायण लोगों का समूह है "इंटिग्रेटिड मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रिहैबिलिटेशन सेंटर, मानव मन्दिर, सोलन"। मानवता के इस मन्दिर की नींव वर्ष 1992 में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित तीन व्यक्तियों द्वारा रखी गई तथा वर्ष 1995 में इसे "इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (IAMD)" नाम से पंजीकृत किया गया। तब से लेकर अब तक यह सोसाइटी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित लोगों की सेवा में तल्लीन है। सोलन शहर से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर कोठो गां...