प्रेरणा के स्रोत संगीत गुरु—प्रो. रामस्वरूप शांडिल्य - डॉ. राजेश चौहान ( Dr. Rajesh K Chauhan )
हिमाचल प्रदेश की हिमाच्छादित चोटियाँ, बहती नदियाँ, हरे-भरे देवदार के वन और धरा की गोद में बसे गाँव केवल प्रकृति की सुंदरता से ही नहीं, बल्कि संस्कृति, कला और अध्यात्म की जीवंत परंपराओं से भी समृद्ध रहे हैं। इन्हीं वादियों ने समय-समय पर ऐसे विभूतियों को जन्म दिया है, जिनकी आभा ने प्रदेश ही नहीं, बल्कि समूचे राष्ट्र को आलोकित किया। संगीत की दिव्य साधना और शिक्षा की उज्ज्वल परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने वाले एक ऐसे ही व्यक्तित्व हैं— प्रो. रामस्वरूप शांडिल्य , जिन्हें आज हम “हिमाचल के संगीत गुरु” और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा-स्रोत के रूप में जानते हैं। 23 नवम्बर 1956 में सोलन ज़िला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चायल के समीप बसे छोटे से गाँव तेहतू में जन्मे डॉ. शांडिल्य का जीवन केवल व्यक्तिगत सफलता की गाथा नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे साधक की यात्रा है जिसने साधारण किसान परिवार से निकलकर अपने अथक परिश्रम और तपस्या के बल पर संगीत, शिक्षा और समाज सेवा की त्रिवेणी को मूर्त रूप दिया। उनके जीवन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने परिस्थितियों के अभाव को कभी बाधा नहीं बनने दिया । गाँव का परिवेश जहाँ...