कुछ बात निराली थी,
स्वच्छ भारत की बुनियाद
उन्होंने ही डाली थी।
आंखों पर चश्मा हाथ में लाठी।
और चेहरे पर मुस्कान थी,
सादा जीवन उच्च विचार
उनकी यही पहचान थी।
स्वच्छता का मंत्र देकर
भारत में अलख जगाई थी,
हृष्ट-पुष्ट हो युवा हमारे
यही बात दोहराई थी।
जात-पात का भेद मिटाकर
मानवता का संदेश दिया,
पिछड़ों को भी गले लगा कर
भाईचारे का उपदेश दिया।
स्वच्छता जीवन का आधार है
जन-जन तक पहुंचा दिया,
ग़ुलामी की ज़ंजीरों को तोड़ कर
जीना हमको सिखला दिया।
गांधी, व्यक्ति नहीं एक सोच है
विश्व ने यह माना है,
सत्य, अहिंसा और स्वच्छता का महत्व
हम सबने जाना है।
Dr.Rajesh K Chauhan
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