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दोबारा लॉकडाउन लगा तो संभलना मुश्किल हो जाएगा

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दोबारा लॉकडाउन लगा तो संभलना मुश्किल हो जाएगा - डॉ.राजेश के. चौहान गत वर्ष कोरोनावायरस के कारण लगे लॉकडाउन के घाव अभी भी हरे हैं। ज़ख्म इतने गहरे हैं कि मानव जाति सदियों तक इनकी वेदना से कहराती  रहेगी। पिछले वर्ष 21 मार्च के दिन सम्पूर्ण भारत एक दिन के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया तथा 24 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन केंद्र सरकार द्वारा लगा दिया गया था। केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे लोगों,  मेडिकल सेवाएं और पुलिस प्रशासन को छोड़कर सब कुछ बंद कर दिया गया था। सड़कें वीरान हो गई थीं। पार्क में इंसानों की जगह आवारा पशु और जंगली जानवर टहलते नज़र आते थे। स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, जिम, सिनेमाघर, खेल के मैदान सब के सब सुने पड़ गए थे। भारी तादाद में मजदूरों का पलायन वास्तव में भयावह था। 1000 से 2000 किलोमीटर तक का पैदल सफर अत्यधिक दर्दनाक और डरावना था। सूरज की तपन, पीठ में छोटा बच्चा, भूखे-प्यासे,  नंगे पांव मीलों का वह सफर हर किसी के दिल को झकझोर कर रख देता है। आवश्यक वस्तुओं के लिए लगी लंबी कतारें और ऊपर से बेबस पुलिस के डंडे शायद हर किसी के ज़हन में आज भी सजीव होंगे।...

गिरीपार क्षेत्र के हाटी समुदाय की वेदना ~ Dr.Rajesh K Chauhan

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गिरीपार क्षेत्र के हाटी समुदाय की वेदना Dr.Rajesh K Chauhan - डॉ.राजेश के. चौहान पूर्वजों से विरासत में मिली अमूल्य संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन हमारा कर्तव्य है। हमारी सुप्राचीन लोक परंपराएं ही हमें विश्व पटल पर पहचान दिलाती हैं। आधुनिकता की दौड़ में गतिशील आज का समाज धीरे-धीरे पुरातन संस्कृति से दूर होता जा रहा है। ग्रामीण परिवेश में भी शहरी चकाचौंध पसरने लगी है। आज के दौर में गांव के लोगों की बोली/भाषा, पहनावा, रीति-रिवाज़, खान-पान, रहन-सहन और परंपराओं के निर्वहन में पाश्चात्य संस्कृति की झलक स्पष्ट देखी जा सकती है। बावजूद इसके ज़िला सिरमौर का हाटी समुदाय इक्कीसवीं शताब्दी में भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने में सफल रहा है। हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र अपनी प्राचीन सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपरा के कारण हमेशा ही चर्चा में रहा है। ज़िला सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र तथा उत्तराखंड का जौनसार बावर क्षेत्र 1835 ई. तक तत्कालीन सिरमौर रियासत में शामिल थे। माना जाता है कि इन दोनों क्षेत्रों के निवासी एक ही पूर्वज के वंशज हैं। गिरीपार क्षेत्र के निवासियों को हाटी तथा ज...