हर युवा हो राष्ट्र निर्माण में भागीदार -. Dr.Rajesh K Chauhan
हर युवा हो राष्ट्र निर्माण में भागीदार - डॉ.राजेश के चौहान "हृदय में परिवर्तन की ललक, आँखों में वैभव के सपने, मन में तूफानों सी गति", ऐसे ही ह्रदय में उठते हुए ज्वार, अदम्य साहस, स्पष्ट संकल्प लेने की चाहत का नाम है युवावस्था। विश्व का कोई भी आन्दोलन, दुनियां की कोई भी विचारधारा युवाशक्ति के बिना सशक्त नहीं बन सकती। वास्तव में वह युवा शक्ति ही है जिसके दम पर किसी निर्माण या विध्वंस की नींव रखी जाती है। संसार में भारत सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश है। आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 60 करोड़ लोग 13 से 35 वर्ष की आयु के हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में कामकाजी व्यक्तियों की संख्या सबसे अधिक है। सरल शब्दों में भारत को विश्व का सबसे युवा राष्ट्र कहा जा सकता है। युवा तरुणाई की जो फसल हिन्दुस्तान में तैयार है, वह दुनियां में सबसे अधिक है। लोकतांत्रिक राष्ट्र में युवाओं का उपयोग राष्ट्रहित में होना चाहिए, जिसके लिए युवा पीढ़ी में नैतिक कार्यों की शिक्षा एवं कर्तव्यों की जागरूकता के साथ आत्मचिंतन होना अति आवश्यक है। हिन्दुस्तान के इन कर्णधारों का उचित मार्गदर्शन स...