कला और आस्था का द्योतक है केरल का थैय्यम नृत्यानुष्ठान by - Dr. Rajesh K Chauhan
कला और आस्था का द्योतक है केरल का थैय्यम नृत्यानुष्ठान By - Dr. Rajesh K Chauhan "गॉड्स ओन कंट्री" ध्येय वाक्य से प्रसिद्ध केरल दक्षिणात्य राज्यों में सांस्कृतिक विविधता एवं प्राकृतिक सुंदरता के मामले में अत्यधिक समृद्ध राज्य है। यहां के लोग विरासत में मिली परंपरागत लोक तथा शास्त्रीय शैलियों को भविष्य के लिए संजोकर रखने में विश्वास रखते हैं। भौगोलिक आधार पर केरल एक छोटा सा प्रदेश है, फिर भी यहां सात शास्त्रीय तथा लगभग पचास से अधिक लोक नृत्यों का अभ्युदय हुआ है। यहां पर परिलक्षित शास्त्रीय एवं लोक नृत्य पूर्ण रूप से विकसित हैं और वहां के स्थानीय लोगों के स्वभाव को संगीत और वेशभूषा के साथ दिखाते हैं। इन नृत्यों को लोगों के जीवन जीने के हिसाब से और लोगों के नृत्य करने के अनुसार ढाला गया है। यहां पर प्रचलित नृत्य अत्यंत मनमोहक व प्राचीन हिंदू ग्रंथों के सिद्धांतों, तकनीकों एवं कला संबद्धता पर पूर्ण या आंशिक रूप से आधारित हैं। इससे यह बात प्रमाणित हो जाती है कि यहां के निवासी कितने कला प्रेमी व प्रायोगिक विचारधारा के हैं। यहां का प्राकृतिक व सांस्कृतिक सौंदर्य दर...